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श्री रावल मल्लीनाथ श्री राणी रुपादे संस्थान

श्री रावल मल्लीनाथ श्री राणी रुपादे संस्थान मालाजाल, तिलवाड़ा (बाड़मेर) श्री रावल मल्लीनाथ जी के मन्दिरों, पुरानी छतरियों, पर्यावरण, (ओरण, गोचर) संरक्षण व उनके उपदेशानुसार आदर्श मानव समाज की स्थापना व उसके सर्वांगीण विकास का सार्वजनिक न्यास है।

संस्थान के बारे में

14वीं शताब्दी के सन्त शासक श्री रावल मल्लीनाथ जी जिन्होंने मालाणी क्षेत्र की स्थापना की। उनकी सन्त शिरोमणी राणी रुपादे जी व उनके समकालीन सन्त गुरु उगमसी भाटी, बालीनाथ, रावत रणसी, मेवाड़ से महाराणा कुम्भा, व उनकी राणी लीलर, सलण सीरजी, रामदेवजी, पाबूजी, हड़बूजी, जैसल-तोरल (कच्छ भुज) व अन्य सन्तों का लूणी नदी के तट पर मालाजाल में सन्त समागम किया था और उसी स्मृति में सात सौ वर्षों से आज दिन तक चैत्र मास में तिलवाड़ा गाव में मेला होता आ रहा है।

रावल किशन सिंह

श्री रावल मल्लीनाथ श्री राणी रुपादे संस्थान जसोल के अध्यक्ष रावल किशन सिंह का जन्म दिसंबर 1950 में गुजरात के बनास कांठा जिले में वाव की पूर्व रियासत में हुआ था। वह राजस्थान के बाड़मेर जिले के जसोल में अपने पैतृक घर में पले-बढ़े, जहाँ उनके परदादा राव बहादुर रावल श्री जोरावर सिंहजी तत्कालीन मल्लानी रियासत के मुखिया थे, उनके दादा, रावल श्री अमर सिंहजी उच्च न्यायालय जोधपुर में न्यायाधीश थे और बाद में एक न्यायाधीश थे। (विधायक) पचपदरा (बाड़मेर) से विधायक हैं। उनके पिता रावल श्री प्रताप सिंहजी जोधपुर लांसर्स में कैडेट थे।

इनके निष्ठावान प्रयास से निम्न कार्य कराये गये:-

  • 300-500 वर्ष पुरानी (मेवानगर के शासकों की) ऐतिहासिक छत्रियों का जीर्णोद्धार कर पुनः प्रतिष्ठित की गई।

  • श्री राणी रुपादे के 700 वर्ष पुराने मन्दिर का जीर्णोद्धार कर एक कलात्मक भव्य मन्दिर बनाया गया।

  • जसोल में श्री राणी भटियाणी के मन्दिर का भी जीर्णोद्धार कर एक भव्य कलात्मक मन्दिर बनाया गया। साथ ही यहा यात्रियो की सुविधा हेतु मास्टर प्लान बनाकर विशाल धर्मशाला, भोजनशाला व अन्य भवन बनायें गयें।

  • जल संग्रहण हेतु JBF (जल भागीरथी फाऊॅडेशन जोधपुर) E.U. (योरोपीयन यूनियन) अफ्रीका सैड डैम फाऊॅडेशन के साथ मिलकर पाच सैन्ड डैम जसोल में बनाये। जल संग्रहण हेतु तालाब व टांके भी बनवाये गये।

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